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मोदी सरकार आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलाने जा रही है. आज के इस लेख में हम आपको Har Ghar Tiranga Yojana से जुड़ी सारी जानकारी मुहैया कराएंगे. इसलिए आप इस आर्टिकल को अंत तक ज़रूर पढ़े.
Overjoyed by the enthusiastic response towards #HarGharTiranga movement. https://t.co/iQdaer9dSe
— Narendra Modi (@narendramodi) July 22, 2022
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Har Ghar Tiranga Yojana 2023
भारत इस बार 15 अगस्त को 75वां स्वतंत्रता दिवस मनायेगा. इसलिए केंद्र सरकार आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम चला रही है. इसी कार्यक्रम के तहत हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga Abhiyan) चलाया जाएगा. हर घर तिरंगा अभियान के तहत सरकार ने 20 करोड़ लोगों के घरो पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा है और 13 से 15 अगस्त तक लगातार तीन दिन तक राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा.
हर घर तिरंगा अभियान सफल हो सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने फ्लैग कोड के कुछ नियमों में भी बदलाव किया है.
दरअसल, अब तक तिरंगा सिर्फ सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहरा सकते थे. लेकिन अब भारत का हर एक नागरिक 24 घंटे अपने घर या दफ्तर पर तिरंगा फहरा सकेंगे.
दूसरा बदलाव ये है कि अब मशीन से बना हुआ कपास, ऊन या रेशमी खादी से बना तिरंगा भी फहरा सकेंगे. साथ ही अब पॉलिएस्टर से बना तिरंगा भी फहराया जा सकता है क्यूंकि पहले केवल हाथ से बुना और काता हुआ ऊन, कपास या रेशमी खादी से बना राष्ट्रीय ध्वज ही फहराने की इजाजत थी.
Har Ghar Tiranga Yojana के मुख्य बिंदु
योजना का नाम | हर घर तिरंगा योजना |
योजना की शुरुआत कब हुई | साल 2022 में |
किसने आरंभ की | केंद्र सरकार ने |
योजना का उद्देश्य | 20 करोड़ लोगों के घरो पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य |
ऑफिशियल वेबसाइट | amritmahotsav.nic.in |
Har Ghar Tiranga Abhiyan Registration 2023
- सबसे पहले आपको अधिकारिक वेबसाइट जाना है.
- PIN A FLAG के विकल्प पर क्लिक करे.
- अब, अगर आप मोबाइल से रजिस्ट्रेशन कर रहे है तो मोबाइल की लोकेशन ऑन करे. अगर आप कंप्यूटर / लैपटॉप से रजिस्ट्रेशन कर रहे तो अपने कंप्यूटर / लैपटॉप की लोकेशन ऑन करे.
- लॉग इन करने लिए आपके पास दो विकल्प है या तो आप Continue with Google पर क्लिक करके अपनी जीमेल से लॉग इन कर सकते है या फिर Name और Mobile Number डालकर Next के बटन पर क्लिक करे.
- लॉग इन करने के बाद अपने घर की लोकेशन सिलेक्ट करे.
- अब अपने घर पर झंडा लगाये.
- झंडा लगाने के बाद झंडे के साथ सेल्फी ले और UPLOAD SELFIE WITH FLAG पर क्लिक करके सेल्फी अपलोड करे और अपना सर्टिफिकेट डाउनलोड करे.
- इस प्रकार आपका हर घर तिरंगा अभियान के तहत पंजीकरण हो जायेगा.
कितना बड़ा तिरंगा फहरा सकते हैं?
- तिरंगे का साइज कुछ भी हो सकता है लेकिन इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 ही होना चाहिए.
- इसके अलावा फ्लैग कोड 2002 के मुताबिक, तिरंगा आयताकार ही होना चाहिए.
क्या गाड़ियों पर लगा सकते हैं तिरंगा?
साल 2004 से पहले सिर्फ सरकारी विभागों, दफ्तरों और शिक्षा संस्थानों पर ही झंडा लगाने की इजाजत थी. लेकिन बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पंहुचा जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर हिंदुस्तानी को तिरंगा फहराने का अधिकार है. हालांकि कार पर तिरंगा लगाने का अधिकार कुछ चुनिंदा लोगों को ही मिला है और आम आदमी अपनी कार पर झंडे का इस्तेमाल नहीं कर सकता है.
भारतीय झंडा संहिता 2002 के मुताबिक कुछ लोगों को ही कार (मोटर-कारों) में झंडे फहराने के विशेष अधिकार दिए गए हैं.
जिनमे राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति राज्यपाल और उप राज्यपाल प्रधानमंत्री और अन्य केबिनेट मंत्री केंद्र के राज्य मंत्री और उप मंत्री मुख्यमंत्री और केबिनेट मंत्री लोकसभा अध्यक्ष राज्यसभा और लोकसभा उपाध्यक्ष, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों पोस्टों के अध्यक्ष, विधानसभाओं के अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के न्यायाधीश शामिल है.
अगर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति या प्रधानमंत्री किसी विशेष ट्रेन से या किसी विमान से यात्रा करते हैं तो उस पर भी राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाएगा. इसके अलावा अगर किसी विदेशी अतिथि को भारत सरकार की तरफ से कार मुहैया कराई जाती है, तो उस कार के दाई और भारत का तिरंगा जबकि बाई ओर उस अतिथि के देश का राष्ट्रीय धवज लगेगा.
तिरंगे का अपमान कब माना जाएगा?
- तिरंगे को कभी ज़मीन पर नहीं रखा जा सकता है।
- झंडे को कभी झुकाया नहीं जाता। सरकारी आदेश के बाद ही सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराया जा सकता है।
- झंडे को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुचाया जाता है।
- भारत के झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए।
- शहीद आर्म्ड फोर्सेज के जवानों के अलावा के अलावा किसी मृत व्यक्ति के शव पर तिरंगे को डालना अपमान माना जाएगा।
- तिरंगा फहराते समय केसरिया रंग सबसे उपर होना चाहिए, नीचे की तरफ करके राष्ट्रीय ध्वज फहराना गलत है।
- कभी भी फटा या मैला-कुचैला तिरंगा नहीं फहराया जाता है। झंडा फट जाए, मैला हो जाए तो उसे एकांत में नष्ट करना चाहिए।
तिरंगे के अपमान पर सज़ा कितनी?
ये जानकारी भी आपके लिए जानना बहुत जरूरी है कि तिरंगे के अपमान करने पर सजा का क्या प्रावधान है. राष्ट्रीय ध्वज के किसी भी हिस्से को जलाने पर, किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने पर और इसके अलावा जुबानी तौर पर या कहीं तिरंगे के लिए अपमानजनक शब्द लिख कर तिरंगे का अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं.
तिरंगे का इतिहास क्या है?
- भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। इसकी अभिकल्पना गांधी जी ने की थी।
- इसे 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था।
- भारत का राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों का होता है, जिस वजह से इसे तिरंगा भी कहा जाता है। इसमें तीन रंग यानी सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और सबसे नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी मौजूद होती है। इसमें केसरिया रंग ‘त्याग और बलिदान’, सफेद रंग ‘शांति, एकता और सच्चाई‘ वहीं हरा रंग ‘विश्वास और उर्वरता‘ का प्रतीक है.
- सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें 24 तीलियां होती हैं। यह इस बात का प्रतीक है की भारत निरंतर प्रगतिशील है.
- भारतीय राष्ट्रध्वज अपने आप में ही भारत की एकता, शांति, समृद्धि और विकास को दर्शाता हुआ दिखाई देता है.
राष्ट्रीय ध्वज को किसने डिजाइन किया था?
देश को स्वतंत्रता मिलने के 71 साल भी राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ा एक विवाद है जो थमने का नाम नहीं लेता. हर साल राष्ट्रीय दिवसों पर ये विवाद सामने आ जाता है. ये विवाद है- ‘राष्ट्रीय ध्वज को किसने डिजाइन किया था.’ विकीपीडिया पर ढूंढेंगे तो इस साल का जवाब मिलेगा- पिंगली वेंकैया. लेकिन कई इतिहासकार इस जवाब पर विश्वास नहीं करते. उनका कहना है की तिरंगे को 1936 बैच के आइसीएस अधिकारी बदरुद्दीन तैयब जी की पत्नी सुरैया तैयब जी ने डिजाईन किया था.
दरअसल, 1936 बैच के आइसीएस अधिकारी बदरुद्दीन तैयब जी की बेटी लैला तैयब जी के मुताबिक उनके पिता उस संविधान सभा के सदस्य सचिव थे, जिसने राष्ट्रध्वज के स्वरूप को अंतिम रूप दिया था। बदरुद्दीन तैयब जी की सलाह पर ही तिरंगे को डिजाईन किया गया था। उन्होंने जब ये सलाह संविधान सभा में शामिल सदस्यों को दी तो उनसे कहा गया कि नमूने के तौर पर एक तिरंगा बनाकर दिखाएं। तैयब ने अपनी चित्रकार पत्नी सुरैया तैयब जी से एक नमूना तैयार करने को कहा। तब सुरैया जी ने कागज पर तिरंगा बनाया। उन्होंने उसमें बीच में सफेद रंग की पट्टी पर अशोक चक्र को रखा।
बाद में इसे कनॉट प्लेस की रीगल बिल्डिंग में स्थित एससी शर्मा टेलर्स के पास कपड़े पर तैयार कराने के लिए ले जाया गया। बदरुद्दीन तैयब ने तैयार तिरंगे को जब संविधान सभा के समक्ष पेश किया तो उस पर तुरंत सभी की सहमति बन गई और देश के नए राष्ट्र ध्वज के रूप में हरी झंडी दिखा दी गई थी।
तत्कालीन आइसीएस बदरुद्दीन की बेटी लैला तैयब बताती हैं कि स्वाधीनता दिवस के कार्यक्रम को आयोजित कराने की जिम्मेदारी खुद पंडित जवाहर लाल नेहरू ने मेरे पिताजी को सौंपी थी। मुझे इस बात पर फक्र है कि यह अवसर उन्हें मिला। लैला फिलहाल ‘दस्तकार’ नामक संस्था का संचालन कर देश की हस्तकरघा परंपरा को आज भी जीवित रखने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
लेकिन ना तो हम पिंगली वैंकेया के परिवार के दावों को खारिज कर सकते हैं और ना ही सुरैया तैयबजी के”
आम लोगों को कब मिला तिरंगा फहराने का अधिकार?
भारत के हर नागरिक को अपना प्यारा तिरंगा फहराने के अधिकार की भी बड़ी दिलचस्प कहानी है। दरअसल, राष्ट्रीय ध्वज के लिए पूर्व सांसद और बिजनेसमैन नवीन जिंदल का जुनून संयुक्त राज्य अमेरिका में टेक्सास विश्वविद्यालय में अपने छात्र जीवन के दौरान शुरू हुआ। 1992 में भारत वापस आने के बाद, नवीन ने अपने कारखाने में पर हर दिन तिरंगा फहराना शुरू कर दिया। जिसके बाद उन्हें जिला प्रशासन ने ऐसा करने मना किया और दण्डित करने की चेतावनी भी दी गई. दरअसल, साल 2002 से पहले भारत की आम जनता को केवल गिने-चुने राष्ट्रीय त्योहारों के अवसर पर ही झंडा फहराने का अधिकार था।
नवीन जिंदल को यह बात अखर गई और वह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गए ताकि भारत के हर एक नागरिक को निजी तौर पर तिरंगा फहराने का अधिकार मिले. सात सालों की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद साल 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने नवीन जिंदल के पक्ष में फैसला सुनाया। जिसमें कहा गया था कि देश के प्रत्येक नागरिक को आदर, प्रतिष्ठा एवं सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार है। जिसके बाद भारत सरकार ने भारतीय झंडा संहिता में 26 जनवरी 2002 को संशोधन किए और आम जनता को साल के सभी दिनों में इज्ज़त के साथ झंडा फहराने की अनुमति दी।
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FAQ
भारत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम चला रही है. इसी कार्यक्रम के तहत हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga Abhiyan) चलाया जाएगा. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत के नागरिको में झंडे के प्रति सम्मान और निष्ठा को बढ़ावा देना है।
तिरंगे का साइज कुछ भी हो सकता है लेकिन इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 ही होना चाहिए.
इसके अलावा फ्लैग कोड 2002 के मुताबिक, तिरंगा आयताकार ही होना चाहिए.
तिरंगे को कभी ज़मीन पर नहीं रखा जा सकता है।
झंडे को कभी झुकाया नहीं जाता। सरकारी आदेश के बाद ही सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराया जा सकता है।
झंडे को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुचाया जाता है।
तिरंगा फहराते समय केसरिया रंग सबसे उपर होना चाहिए, नीचे की तरफ करके राष्ट्रीय ध्वज फहराना गलत है।
भारतीय ध्वज संहिता भारतीय ध्वज को फहराने व प्रयोग करने के बारे में जानकारी मुहैया कराई गई हैं।
